एक आलिम ने अपने वालिद से कहा, 'वाइजो' (धर्मोपदेशक) की लच्छेदार बातों का मेरे दिल पर कोई असर नहीं होता, क्योंकि उनके कौल (कथनी) और फेल (करनी) में बड़ा अन्तर होता है। दुनिया को वे दुनिया छोड़ने की नसीहत करते हैं और खुद अनाज और चांदी बटोरते फिरते हैं। जो वाइज सिर्फ 'वाज' ही देना जानता है और खुद उस पर अमल नहीं करता, उसके वाज का किसी पर असर नहीं होता। आलिम वही है, जो बुरे काम न करे। वह नहीं, जो महज दूसरों को नसीहत करे और खुद उस पर अमल न करे। जो आलिम एयाशी की जिन्दगी गुजारता है और खुद भटका हुआ है, वह दूसरों को क्या रास्ता दिखाएगा।'
वालिद ने कहा, 'ऐ बेटे! महज इस खयाल से कि वाइजों के कौल और फेल में फर्क होता है, तुझे उनकी नसीहतों से नफरत नहीं करनी चाहिए। और न उनके फायदे से महरूम रहना चाहिए। 'तुमने उस अन्धे की मिसाल नहीं सुनी? वह कीचड़ में फंस गया था और कह रहा था, ऐ मुसलमानो! मेरे रास्ते में एक चिराग रख दो।' किसी ने उससे पूछा, 'जब तुझे चिराग ही नहीं दिखता, तो चिराग से तू क्या देखेगा?' वाइज की मजलिस बजाज की दुकान की तरफ है। जब तक तू कुछ नकद लेकर न जाएगा, तुझे कुछ नहीं मिलेगा। अकीदत के साथ नसीहत सुने बिना तेरे पल्ले कुछ न पड़ेगा।
आलिम वाइज के कौल और फेल में फर्क हो, तो भी उसकी बात दिल से सुनो। 'तू यह गलत कहता है कि सोया हुआ सोए हुए को नहीं जगा सकता।' तुझे चाहिए कि नसीहत यदि दीवार पर लिखी हुई हो, तो उसे भी तत्काल अपने कानों में डाल ले।
वालिद ने कहा, 'ऐ बेटे! महज इस खयाल से कि वाइजों के कौल और फेल में फर्क होता है, तुझे उनकी नसीहतों से नफरत नहीं करनी चाहिए। और न उनके फायदे से महरूम रहना चाहिए। 'तुमने उस अन्धे की मिसाल नहीं सुनी? वह कीचड़ में फंस गया था और कह रहा था, ऐ मुसलमानो! मेरे रास्ते में एक चिराग रख दो।' किसी ने उससे पूछा, 'जब तुझे चिराग ही नहीं दिखता, तो चिराग से तू क्या देखेगा?' वाइज की मजलिस बजाज की दुकान की तरफ है। जब तक तू कुछ नकद लेकर न जाएगा, तुझे कुछ नहीं मिलेगा। अकीदत के साथ नसीहत सुने बिना तेरे पल्ले कुछ न पड़ेगा।
आलिम वाइज के कौल और फेल में फर्क हो, तो भी उसकी बात दिल से सुनो। 'तू यह गलत कहता है कि सोया हुआ सोए हुए को नहीं जगा सकता।' तुझे चाहिए कि नसीहत यदि दीवार पर लिखी हुई हो, तो उसे भी तत्काल अपने कानों में डाल ले।
शेख सादी